Sunday, October 10, 2010

क़तील शिफ़ाई

क़तील शिफ़ाई यानी क़त्ल होके शिफा देने वाला ! शायर की नियति समग्रता के साथ इस एक नाम में छिपी हुई है ! क़तील ने कभी अपने इस नाम को रुसवा नहीं किया ! हालात की सख्तियां हों, ज़िन्दानों की बेड़ियां हों, हाकिमों का जब्रो-ज़ुल्म हो, क़तील की आवाज़ कभी खामोश नहीं हुई ! सरहदी इलाके हज़ारा के हरिपुर में 1919 के दिसंबर माह के चौबीसवें रोज जन्मे क़तील शिफ़ाई उर्दू अदब और फ़िल्मी दुनिया दोनों में एक बड़ा नाम है ! बहुत कम शख्सियत ऐसी खुशनसीब होती हैं कि जहां वे पैदा हुए, उसका नाम 'मुहल्ला क़तील शिफ़ाई' और जहां 1947 के बाद क़याम किया, उसका नाम 'क़तील शिफ़ाई स्ट्रीट' (लाहौर) है ! उनके चौदह शे'री मजमूए शाया हुए, इनमें हरियाली, गजर, जलतरंग, झूमर, छतनार, गुफ्तगू, पैराहन, आमोख्ता, अबाबील आदि शामिल हैं ! पाकिस्तान की पहली फिल्म 'तेरी याद' से नग्मानिगारी की शुरुआत की ! उन्होंने पाकिस्तानी फिल्मों के लिए तकरीबन ढाई हज़ार नग्मे लिखे और हिन्दुस्तानी फिल्मों के लिए भी नग्मानिगारी की ! उन्हें पाकिस्तान सरकार के 'नेशनल फिल्म अवार्ड' के अलावा शे'री मजमूए 'मुतरिबा' के लिए 'आदमजी अवार्ड' और 'छतनार' तथा 'पैराहन' के लिए 'अबासीन आर्ट्स काउन्सिल अवार्ड' से नवाज़ा गया ! क़तील शिफ़ाई की शायरी की एक बड़ी खूबी यह है कि वह 'जैसे भाव वैसी ही भाषा' बोलती है, फिर भी वे सादारंग के हिमायती हैं ! आइए रू-ब-रू हों उनकी एक ऐसी ही ग़ज़ल से -



दुनिया ने हमपे जब कोई इल्ज़ाम रख दिया
हमने मुक़ाबिल उसके तेरा नाम रख दिया

एक ख़ास हद पे आ गई जब तेरी बेरुखी
नाम उसका हमने गर्दिशे-अय्याम रख दिया

मैं लड़खड़ा रहा हूं तुझे देख - देख कर
तूने तो मेरे सामने इक जाम रख दिया

इनसान और देखे बग़ैर उसको मान ले
एक खौफ़ का बशर ने खुदा नाम रख दिया

अब जिसके जी में आए वही पाए रोशनी
हमने तो दिल जलाके सरे-आम रख दिया

क्या मस्लहत-शनास था वह आदमी 'क़तील'
मजबूरियों का जिसने वफ़ा नाम रख दिया

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शे'री मजमूए : काव्य संग्रह, गर्दिशे-अय्याम : समय-चक्र, बशर : मनुष्य, मस्लहत : परामर्श, सलाह, भेद, हित, भलाई; शनास : पहचानने वाला !

3 comments:

  1. शर्मा जी क़तील शिफ़ाई अब इस दुनिया में नहीं हैं। नौ साल हो गए उनको गुजरे हुए। मोहब्बतों के इस शायर की ये ग़ज़ल पढ़वाने का शुक्रिया !

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  2. आपका धन्यवाद मित्र ! भाषा की इस गलती पर मेरा ध्यान नहीं गया था ! अब मैंने एडिट कर दिया है !

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  3. kabile tarif collection. dhnyavad alok ji

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